शिक्षा विभाग का कड़ा कदम, सरकारी शिक्षकों को ट्यूशन पढ़ाने पर रोक, नियमों का उल्लंघन किया तो होगी कार्रवाई 2025 :-

सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों द्वारा निजी ट्यूशन या कोचिंग पढ़ाने के मामलों को रोकने के लिए शिक्षा विभाग ने सख्त गाइडलाइन जारी की है। अब शिक्षक ट्यूशन पढ़ाने के लिए संस्था प्रधान से अनुमति लेने के बाद ही ऐसा कर सकते हैं, वह भी केवल अधिकतम तीन विषयों तक। इसके अलावा, सभी शिक्षकों को ट्यूशन न पढ़ाने का शपथ पत्र जमा करना अनिवार्य होगा।

शिक्षा विभाग का कड़ा कदम, सरकारी शिक्षकों को ट्यूशन पढ़ाने पर रोक, नियमों का उल्लंघन किया तो होगी कार्रवाई
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शिक्षा निदेशक का निर्देश, शिकायत पर होगी सख्त कार्रवाई :-

शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करें। साथ ही, स्कूलों का निरीक्षण करने वाले अधिकारी अब छात्र-छात्राओं से वस्तुस्थिति जानने का काम करेंगे। यदि किसी शिक्षक के खिलाफ शिकायत मिलती है, तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

गाइडलाइन की प्रमुख बातें :-

निजी ट्यूशन पर रोक:
सरकारी शिक्षक बिना विभाग की अनुमति के निजी ट्यूशन या कोचिंग सेंटर नहीं चला सकते।

अनुमति की प्रक्रिया:

  • अधिकतम तीन विषयों तक पढ़ाने की अनुमति दी जा सकती है।
  • शिक्षक को इसके लिए संस्था प्रधान से अनुमति लेनी होगी।
  • हर माह ट्यूशन के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होगा।

शिकायत पर तुरंत कार्रवाई:
यदि किसी शिक्षक पर निजी कोचिंग या ट्यूशन देने की शिकायत मिलती है, तो शिक्षा विभाग कार्रवाई करेगा।

निरीक्षण के दौरान पूछताछ:
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को छात्रों और अभिभावकों से संवाद कर यह सुनिश्चित करना होगा कि शिक्षक केवल स्कूल में पढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

ट्यूशन की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता :-

शिक्षा विभाग का कहना है कि 10वीं और 12वीं के महत्वपूर्ण विषयों जैसे गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, बिजनेस स्टडीज और कॉमर्स में ट्यूशन का चलन अधिक देखा गया है।
कई मामलों में यह सामने आया है कि शिक्षक स्कूलों में पर्याप्त पढ़ाई नहीं करवाते और छात्रों को ट्यूशन के लिए मजबूर करते हैं।

संस्था प्रधानों की जिम्मेदारी :-

शिक्षा निदेशक ने संस्था प्रधानों को यह जिम्मेदारी दी है कि वे:

  • सभी शिक्षकों को पाठ्यक्रम समय पर पूरा करने के लिए प्रेरित करें।
  • विद्यार्थियों की शिकायतों पर ध्यान दें और अभिभावकों से चर्चा करें।
  • यह सुनिश्चित करें कि कोई भी शिक्षक गाइडलाइन का उल्लंघन न करे।
  • प्रत्येक महीने शिक्षा विभाग को रिपोर्ट सौंपें।

क्या कह रहे हैं अधिकारी ?

शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा

“ट्यूशन पढ़ाने की प्रवृत्ति को रोकना जरूरी है। कई जगह शिकायतें मिली हैं कि शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने की बजाय निजी ट्यूशन पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। अब इस पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी।”

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