4800 से अधिक Special Educators की भर्ती :-

पुणे: विकलांग बच्चों को पढ़ाने के लिए अनुबंधित विशेष शिक्षकों को अब राज्य सरकार द्वारा स्थायी किया जाएगा। पिछले सप्ताह हुई कैबिनेट बैठक में घोषित इस निर्णय से वर्तमान में अनुबंध पर कार्यरत 3,000 से अधिक शिक्षकों को लाभ मिलेगा। सरकार ने शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों के लिए 4,800 से अधिक विशेष शिक्षकों की भर्ती करने का भी निर्णय लिया है।

जुलाई में विशेष शिक्षकों के एक समूह ने वर्तमान शिक्षकों को स्थायी करने तथा भर्ती अभियान चलाने की अपनी मांगों को लेकर शिक्षा आयुक्त कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया।

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शिक्षा आयुक्त सूरज मंधारे ने कहा, “2006 में केंद्र प्रायोजित ‘समग्र शिक्षा’ योजना के तहत नियुक्त विशेष शिक्षक नियमित शिक्षकों के बराबर लाभ प्राप्त करने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।

समग्र शिक्षा समावेशी शिक्षा पहल की शुरुआत 2002 में विकलांग छात्रों को अन्य सामान्य बच्चों के साथ नियमित स्कूलों में पढ़ने में सक्षम बनाने के लिए की गई थी। विकलांग छात्रों को शिक्षण सहायता प्रदान करके और उनकी समस्याओं का पता लगाकर और उन्हें दूर करके उन्हें संदर्भ सामग्री सेवा प्रदान करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए भारतीय पुनर्वास परिषद (RCI) द्वारा प्रशिक्षित विशेष शिक्षकों को अनुबंध के आधार पर नियुक्त किया गया था।

दिव्यांग कल्याण विशेष शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सरताज पठान ने कहा, “आज भी इन विशेष शिक्षकों की संख्या उंगलियों पर गिनी जा सकती है। दिव्यांग छात्र आज भी शिक्षा से वंचित हैं और उन्हें पढ़ाने वाले विशेष शिक्षक भी उनके अधिकारों से वंचित हैं। सरकार का यह फैसला काफी प्रयासों और संघर्ष के बाद आया है।”
राज्य भर में विशेष शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ेगी

8-10 स्कूलों वाले प्रत्येक स्कूल समूह में विशेष शिक्षक

इससे पहले सरकार ने प्रत्येक तालुका में केवल दो शिक्षक रखने का निर्णय लिया था

सरकार शिक्षकों की पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने की मांग पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करेगी।

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