एक वर्षीय B.Ed (बीएड) कोर्स फिर शुरू, 2025 से होगी शुरुआत, दस वर्षों बाद B.Ed (बीएड) कोर्स में बड़ा बदलाव :-

दस वर्षों के बाद, B.Ed (बीएड) कोर्स में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने एक वर्षीय B.Ed (बीएड) कोर्स को मंजूरी दे दी है। 2014 में बंद किए गए इस कोर्स को 2025 से फिर से शुरू किया जाएगा। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अंतर्गत लिया गया है, जिसमें शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधारों की सिफारिश की गई है।

B.Ed (बीएड)
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कौन कर सकता है एक वर्षीय B.Ed (बीएड) ?

  • यह कोर्स उन छात्रों के लिए होगा जिन्होंने चार वर्षीय स्नातक (बीए, बीएससी, बीकॉम) या स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रेजुएशन) की पढ़ाई पूरी की है।
  • छात्रों को एक वर्ष में B.Ed (बीएड) पूरा करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी समय और लागत दोनों की बचत होगी।

एनसीटीई के नए फैसले :

दो वर्षीय B.Ed (बीएड) कोर्स होगा समाप्त:

  • 2024 से एनसीटीई ने दो वर्षीय बीएड कोर्स की मान्यता देना बंद कर दिया है।
  • इसे 2030 तक पूरी तरह समाप्त करने की योजना है।

चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP):

  • यह प्रोग्राम अब विशेषीकृत विषयों जैसे योग शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, संस्कृत, और परफॉर्मिंग आर्ट्स में भी उपलब्ध होगा।
  • वर्तमान में यह कोर्स भारत के 64 संस्थानों में चल रहा है, जिसमें से बिहार में चार संस्थानों में यह कोर्स संचालित हो रहा है।

फीस और समय में कमी:

  • दो वर्षीय बीएड कोर्स की तुलना में एक वर्षीय कोर्स की फीस कम होगी।
  • सरकारी संस्थानों में यह और अधिक किफायती होगा।

B.Ed (बीएड) कॉलेजों की स्थिति :

  • वर्तमान में दो वर्षीय बीएड कोर्स के लिए छात्रों को लगभग 1.5-2 लाख रुपये फीस देनी पड़ती है।
  • एक वर्षीय कोर्स लागू होने से यह फीस कम हो जाएगी।

2030 तक शिक्षा में बदलाव :

एनसीटीई ने 2030 तक एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम को पूरी तरह लागू करने की योजना बनाई है। इसके अंतर्गत नई शर्तों और पाठ्यक्रमों के साथ शिक्षा के क्षेत्र में समग्र और आधुनिक दृष्टिकोण लाने का प्रयास किया जा रहा है।

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