Senior Teacher Recruitment 2022 में दिव्यांगता प्रमाण पत्रों को लेकर गड़बड़ियां सामने आई, अब SMS अस्पताल जयपुर में होगी पुन जांच :-

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) द्वारा आयोजित Senior Teacher Recruitment 2022 में दिव्यांगता प्रमाण पत्रों को लेकर गड़बड़ियां सामने आई थीं। शिक्षा विभाग को अभ्यर्थियों के आवेदन के साथ संलग्न दिव्यांगता प्रमाण पत्र और बाद में चयन प्रक्रिया के दौरान प्राप्त प्रमाण पत्रों में काफी अंतर पाया गया।

Senior Teacher Recruitment 2022
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जांच में सामने आए अंतर :-

शिक्षा विभाग ने पाया कि कुछ अभ्यर्थियों के दिव्यांगता प्रतिशत में जिला बदलने पर बड़ा अंतर था। उदाहरण के लिए:

  • सिरोही निवासी माताराम ने 55% दिव्यांगता प्रमाणित किया था, लेकिन जोधपुर के एमडीएम अस्पताल ने इसे 30% बताया।
  • भरतपुर निवासी खुशबू ने 50% अंकित किया था, जबकि एमडीएम अस्पताल ने 10% बताया।
  • टोंक निवासी रूबिया बानो ने 40% दर्ज कराया था, परंतु एमडीएम अस्पताल ने इसे 30% बताया।

परिजनों का कहना है कि यह अंतर इलाज का परिणाम है, जबकि विभागीय जांच में इन प्रमाण पत्रों को फर्जी मानने का शक जताया गया है।

जांच के नए आदेश :-

बीकानेर निदेशालय के निर्देश पर अब इन मामलों की जांच जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल में करवाई जाएगी। शिक्षा विभाग ने पहले जोधपुर संभाग में इन प्रमाण पत्रों की जांच करवाई थी, लेकिन रिपोर्ट में अस्पष्टता के चलते यह निर्णय लिया गया।

क्या कहते हैं अधिकारी ?

जोधपुर संभाग के संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा, शशि कपूर ने कहा, “जांच रिपोर्ट आने के बाद इसे उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा और उनके निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।”

अभ्यर्थियों और प्रमाण पत्रों की सत्यता पर सवाल :-

इन मामलों ने न केवल भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने में किस प्रकार की लापरवाही हो सकती है।

अब सभी की नजर एसएमएस अस्पताल की जांच रिपोर्ट पर टिकी है, जो यह तय करेगी कि इन प्रमाण पत्रों की असली स्थिति क्या है।

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