Rajasthan सरकार की अवमानना, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी Special Teachers (विशेष शिक्षकों) के पद सृजित नहीं किए :-

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राजस्थान सरकार द्वारा दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष शिक्षा में पद सृजन और भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है, जो कि एक गंभीर मुद्दा बन गया है। 28 अक्टूबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने WP 132/2016 में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष शिक्षा में पद सृजित करने और भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन राजस्थान सरकार ने इसका पालन नहीं किया है।

Rajasthan सरकार की अवमानना, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी Special Teachers (विशेष शिक्षकों) के पद  सृजित नहीं किए
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश और अवमानना :-

सुप्रीम कोर्ट ने 7 मार्च 2025 को कंटेंप्ट पिटिशन 856/2023 की सुनवाई करते हुए सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को 12 सप्ताह के भीतर विशेष शिक्षकों के पद सृजित करने और भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने का आदेश दिया था। कई राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए पदों को सृजित किया और भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी। लेकिन राजस्थान सरकार ने अब तक ना तो पद सृजित किए और ना ही भर्ती प्रक्रिया शुरू की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रही है।

राजस्थान सरकार को कोर्ट के आदेश का पालन करने का निर्देश :-

राजस्थान सरकार से इस मामले में कार्रवाई की अपील की जा रही है। यदि राज्य सरकार ने जल्द ही कदम नहीं उठाए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया, तो सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की जा सकती है। दिव्यांग बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण कदम है, और सरकार पर दबाव डाला जा रहा है कि वह जल्द से जल्द इन पदों के सृजन और भर्ती प्रक्रिया को शुरू करे।

निष्कर्ष :-

राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए विशेष शिक्षकों के पद सृजित करने और भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू करना चाहिए, ताकि दिव्यांग बच्चों को शिक्षा का लाभ मिल सके। यह मुद्दा ना सिर्फ कानूनी है, बल्कि सामाजिक न्याय और दिव्यांग बच्चों के अधिकारों से भी जुड़ा हुआ है।

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