Ajmer में अधिशेष शिक्षकों का मुद्दा, महात्मा गांधी स्कूल में दो प्रिंसिपल का विवाद 2024 :-
हाल ही में शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से अधिशेष शिक्षकों की सूची मांगी थी, और अजमेर जिले की सूची भी तैयार की गई है। इस सूची में कुल 800 अधिशेष शिक्षकों के नाम शामिल हैं। लेकिन इस सूची में सबसे दिलचस्प मामला शहर के पुलिस लाइन स्थित महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल का है, जहां 2022 से दो प्रिंसिपल पद पर कार्यरत हैं।

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महात्मा गांधी स्कूल में दो प्रिंसिपल का विवाद :-
महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल के मामले में 1 जुलाई 2022 को रश्मि शर्मा को प्रिंसिपल नियुक्त किया गया था। लेकिन अक्टूबर में उनका तबादला कर दिया गया और रणवीर कौर को प्रिंसिपल बना दिया गया। हालांकि, रश्मि शर्मा ने तबादला आदेश पर स्टे (रोक) लगा दिया, जिसके कारण स्कूल में दो प्रिंसिपल एक साथ काम करने लगे। रश्मि शर्मा को फिर मार्च 2023 में जॉइनिंग दी गई, लेकिन उनके अनुसार, यह आदेश उन तक कभी नहीं पहुंचे। इसके बाद शाला दर्पण पर उनकी जॉइनिंग की जानकारी दी गई।
31 मई 2023 को रणवीर कौर की रिटायरमेंट के बाद रश्मि शर्मा ने प्रिंसिपल की जिम्मेदारी की मांग की, लेकिन यह पद वैकेंट (खाली) माना गया और रश्मि शर्मा का तबादला सरवाड़ ब्लॉक कर दिया गया। फिर एक बार स्टे मिला और उनका तबादला वापस रोक दिया गया। अब 23 मार्च 2024 को मुकेश शर्मा को प्रिंसिपल की जिम्मेदारी दी गई। इस मामले में अब यह सवाल उठने लगा है कि प्रिंसिपल की जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी, रश्मि शर्मा को या मुकेश शर्मा को?
अधिशेष शिक्षकों की सूची :-
अजमेर जिले में जिन शिक्षकों को अधिशेष माना गया है, उनमें प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल, सीनियर टीचर, फिजिकल एजुकेशन टीचर, एल-1 और एल-2 शिक्षक, लैब असिस्टेंट, और विभिन्न प्रकार के प्रबोधक शामिल हैं। इन शिक्षकों की कुल संख्या 800 है, जो विभिन्न श्रेणियों में बंटे हुए हैं।
श्रेणी | संख्या |
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प्रिंसिपल | 03 |
वाइस प्रिंसिपल | 36 |
सीनियर टीचर | 56 |
फिजिकल एजुकेशन टीचर | 41 |
टीचर एल-2 | 12 |
टीचर एल-1 | 54 |
लैब असिस्टेंट | 02 |
विशेष प्रबोधक | 06 |
प्रबोधक एल-2 | 19 |
प्रबोधक एल-1 | 10 |
प्रबोधक शारीरिक शिक्षा | 02 |
कुल | 800 |
निष्कर्ष :-
अजमेर जिले में अधिशेष शिक्षकों का मुद्दा अब चर्चा का विषय बन चुका है। खासकर महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में प्रिंसिपल पद का मामला विवादास्पद बन गया है। शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारी इस मामले में फिलहाल खामोश हैं। अब यह देखना होगा कि आगामी दिनों में इस विवाद का समाधान किस प्रकार निकलता है और शिक्षकों के समायोजन के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।


