Government English Medium स्कूलों में, शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम को लेकर विवाद अब तक जारी 2024 :-

1. परीक्षा के 113 दिन बाद भी परिणाम का इंतजार :-

25 अगस्त 2024 को आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम अब तक जारी नहीं हुए हैं। इस देरी के कारण न केवल शिक्षकों की नियुक्ति अटकी हुई है, बल्कि स्कूलों में विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। भर्ती प्रक्रिया का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना था, लेकिन परिणाम में देरी ने इसे चुनौतीपूर्ण बना दिया है।

Government अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में, शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम को लेकर विवाद अब तक जारी  2024
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2. 10 अंक बोनस विवाद, प्रक्रिया में सबसे बड़ा रोड़ा :-

भर्ती प्रक्रिया के तहत समान जिले में पदस्थापित शिक्षकों को प्राथमिकता देने पर 10 बोनस अंक देने का प्रावधान किया गया था। इसे पक्षपातपूर्ण मानते हुए कई शिक्षकों ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। फिलहाल यह मामला कोर्ट में लंबित है, और खंडपीठ ने एकलपीठ के फैसले पर रोक लगा दी है। इस विवाद के कारण प्रक्रिया में देरी हो रही है।

3. श्रीगंगानगर और अनूपगढ़, प्रदर्शन की स्थिति :-

श्रीगंगानगर और अनूपगढ़ से 1,570 शिक्षकों ने आवेदन किया था, लेकिन केवल 60.31% शिक्षक ही परीक्षा देने पहुंचे। खासकर प्रधानाचार्यों की अनुपस्थिति का प्रतिशत अधिक रहा, जिसमें 45 में से केवल 16 प्रधानाचार्य परीक्षा में शामिल हुए। यह आंकड़े शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर उनकी रुचि पर सवाल खड़े करते हैं।

4. देरी का प्रभाव, बच्चों और शिक्षकों पर असर :-

परीक्षा के परिणाम में देरी से स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। वहीं, भर्ती प्रक्रिया में अटके हुए शिक्षक भी अनिश्चितता और तनाव का सामना कर रहे हैं। सरकार की योजना का उद्देश्य सफल नहीं हो पा रहा है।

5. गहलोत सरकार का प्रयास, अधिक स्कूल, अधिक भर्ती :-

गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल में महात्मा गांधी स्कूलों की संख्या में वृद्धि की, जिससे शिक्षकों की मांग तेजी से बढ़ी। इसके तहत 17,000 रिक्त पदों को भरने के लिए यह प्रक्रिया शुरू की गई थी। हालांकि, विवादों और प्रशासनिक देरी ने सरकार के प्रयासों को धीमा कर दिया है।

6. भर्ती प्रक्रिया, कैसे होनी थी नियुक्ति ?

भर्ती परीक्षा 100 अंकों की थी, जिसमें 40% न्यूनतम अंक लाना अनिवार्य था। परीक्षा के बाद काउंसलिंग के जरिए शिक्षकों को उनके प्राथमिकता वाले जिले में नियुक्ति दी जानी थी। समान जिले में नियुक्ति के लिए 10 बोनस अंकों का प्रावधान इस प्रक्रिया का हिस्सा था।

7. कोर्ट के फैसले पर टिकी प्रक्रिया :-

भर्ती प्रक्रिया अब जयपुर हाईकोर्ट में चल रहे मामले पर निर्भर है। कोर्ट का अंतिम निर्णय आने के बाद ही परिणाम जारी होंगे और शिक्षकों की नियुक्ति शुरू होगी। शिक्षा विभाग इस प्रक्रिया को पारदर्शी और न्यायसंगत बनाने का प्रयास कर रहा है।

8. भविष्य की योजना, समाधान की दिशा में कदम :-

शिक्षा विभाग हाईकोर्ट के फैसले के बाद परिणाम जारी करने की तैयारी कर रहा है। परिणाम के बाद पात्र शिक्षकों को उनकी प्राथमिकता और अंकों के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी। काउंसलिंग प्रक्रिया के जरिए प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा।

9. शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की चुनौती :-

इस भर्ती प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। लेकिन विवादों और देरी ने इस उद्देश्य को कमजोर कर दिया है। अब उम्मीद है कि कोर्ट का फैसला और शिक्षा विभाग की तत्परता इस समस्या का समाधान करेगी।

10. विवादों और उम्मीदों के बीच प्रक्रिया :-

महात्मा गांधी और स्वामी विवेकानंद स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती एक बड़ी पहल है। हालांकि, 10 अंक बोनस विवाद और प्रशासनिक देरी ने इसे कठिन बना दिया है। अब सभी की निगाहें कोर्ट के फैसले और विभाग की कार्रवाई पर टिकी हैं। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद शिक्षकों और विद्यार्थियों को राहत मिलने की उम्मीद है।

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