Rajasthan Highcourt का बड़ा फैसला, REET 2022 को लेकर


Rajasthan Highcourt ने अध्यापक भर्ती 2022 को लेकर एक अहम निर्णय सुनाया है, जो रीट (REET) के लाखों अभ्यर्थियों के लिए राहत भरा साबित हो सकता है। कोर्ट ने कहा कि छूट प्राप्त मानदंडों के आधार पर पात्रता पाने वाले उम्मीदवार यदि उच्च अंक प्राप्त करते हैं और सामान्य श्रेणी में चयनित होते हैं, तो उन्हें प्रवासन (माइग्रेशन) या स्थानांतरण से वंचित नहीं किया जा सकता।


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एकल पीठ का आदेश हुआ खारिज

मुख्य न्यायाधीश एम.एम. श्रीवास्तव और न्यायाधीश मुन्नुरी लक्ष्मण की खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को खारिज करते हुए दीपाकंवर एवं अन्य की विशेष अपीलों को स्वीकार किया।

इस मामले की पैरवी अधिवक्ता लोकेश माथुर ने की। उन्होंने बताया कि सभी अपीलकर्ता टीएसपी (TSP) क्षेत्र से संबंधित हैं।


क्या था विवाद?

याचिकाकर्ताओं को इस आधार पर प्रवासन से इनकार कर दिया गया कि उन्होंने रीट परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त नहीं किए थे। लेकिन वकील माथुर ने तर्क दिया कि छूट प्राप्त आरक्षित श्रेणी के तहत 55 प्रतिशत अंकों पर ही वे उत्तीर्ण घोषित कर दिए गए थे, जो नियमों के अनुरूप था।


हाईकोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि –

“अगर कोई उम्मीदवार छूट प्राप्त मानकों पर पात्रता हासिल कर चयन प्रक्रिया में शामिल होता है और उच्च अंक लाकर सामान्य श्रेणी में चयनित होता है, तो उसे स्थानांतरण के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता।”


अभ्यर्थियों के लिए क्या मायने रखता है यह फैसला?

  • आरक्षित श्रेणी में रीट पास करने वाले छात्र, जो मेरिट में सामान्य श्रेणी में आए हैं, अब प्रवासन या नियुक्ति से वंचित नहीं रहेंगे।
  • यह फैसला टीएसपी और नॉन-टीएसपी क्षेत्र के बीच माइग्रेशन के विवादों को भी सुलझाने में अहम भूमिका निभाएगा।
  • इससे पहले कई ऐसे मामलों में स्थानांतरण रोके गए थे, जो अब इस फैसले के बाद पुनः बहाल हो सकते हैं

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