REET में अब, बीएड-डीएलएड के प्रथम वर्ष के विद्यार्थी भी बैठने के योग्य 2024 :-
राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) में इस बार विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव किया जा रहा है, जो उन्हें बड़ी राहत देगा। अब तक केवल वे विद्यार्थी ही रीट में शामिल हो सकते थे, जिन्होंने बीएड या डीएलएड की डिग्री पूरी कर ली हो या जो इन पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत हों। लेकिन अब राजस्थान सरकार ने एक नया प्रावधान लागू किया है, जिसके तहत बीएड-डीएलएड के प्रथम वर्ष के विद्यार्थी भी रीट परीक्षा में बैठने के योग्य होंगे। यह बदलाव शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देशों के बाद शिक्षा विभाग द्वारा लागू किया गया है।

बीएड और डीएलएड के विद्यार्थियों के लिए नया अवसर :-
अब बीएड और डीएलएड के विद्यार्थियों को डिग्री हासिल करने के बाद रीट परीक्षा देने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अगर वे बीएड या डीएलएड के प्रथम वर्ष में हैं, तो वे इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं और पात्रता प्राप्त कर सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जब वे अपनी डिग्री पूरी करेंगे, तो उनके पास पहले से ही रीट की पात्रता होगी, और उन्हें फिर से रीट परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।इस बदलाव से लगभग 1.5 लाख विद्यार्थियों को लाभ होगा। यह कदम खासतौर पर उन विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण है जो बीएड और डीएलएड के प्रथम वर्ष में पढ़ाई कर रहे हैं। इस बदलाव का उद्देश्य विद्यार्थियों को पहले से ही पात्रता प्रदान करना है ताकि वे अपनी डिग्री पूरी करने के बाद तुरंत अध्यापक भर्ती के लिए आवेदन कर सकें।
REET नोटिफिकेशन और परीक्षा की तारीख :-
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरएसईबी) ने इस माह रीट परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी करने की तैयारी पूरी कर ली है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद विद्यार्थियों को आवेदन करने के लिए 25 से 30 दिनों का समय मिलेगा। इसके बाद परीक्षा फरवरी में प्रस्तावित है। बोर्ड ने फरवरी में रीट परीक्षा आयोजित करने की तैयारी शुरू कर दी है। अनुमान है कि इस बार लगभग 11 लाख से अधिक उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस बारे में कहा, “हम इस बार एक नया और महत्वपूर्ण प्रावधान लागू कर रहे हैं। बीएड या डीएलएड में प्रवेश मिलते ही विद्यार्थी रीट परीक्षा में शामिल होने के योग्य होंगे। इससे विद्यार्थियों के कुछ साल बचेंगे और वे बीएड-डीएलएड पूरा करने के बाद सीधे अध्यापक भर्ती में भाग ले सकेंगे।”
REET पात्रता और इसके फायदे :-
जो विद्यार्थी बीएड या डीएलएड के प्रथम वर्ष में हैं, वे अब रीट परीक्षा में बैठने के योग्य होंगे। रीट परीक्षा में शामिल होकर उन्हें “पात्रता प्रमाण पत्र” प्राप्त होगा, जो जीवनभर के लिए वैध रहेगा। इसका मतलब यह है कि जब भी राजस्थान में अध्यापक भर्ती होगी, तो उन्हें पुनः पात्रता परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। वे बिना किसी अतिरिक्त परीक्षा के आवेदन कर सकेंगे।हालांकि, यह ध्यान में रखना जरूरी होगा कि जब वे अध्यापक भर्ती के लिए आवेदन करेंगे, तो उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी शैक्षिक और प्रशैक्षणिक योग्यताएं भर्ती की अंतिम तिथि तक पूरी होनी चाहिए। इस नए प्रावधान से विद्यार्थियों को समय की बचत होगी और उन्हें अधिक समय तक रीट परीक्षा देने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
REET में आखिरकार यह बदलाव क्यों किया गया :-
इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को जल्दी से जल्दी पात्रता प्रदान करना है, ताकि वे बिना किसी देरी के अध्यापक भर्ती में भाग ले सकें। कई बार देखा गया है कि विद्यार्थी बीएड या डीएलएड की डिग्री पूरी करने के बाद पात्रता परीक्षा के लिए लंबा इंतजार करते हैं, जिससे उनकी भर्ती प्रक्रिया में देरी हो जाती है। इस नए प्रावधान से अब वे पहले से ही पात्र होंगे और जब भी भर्ती होगी, वे आसानी से आवेदन कर सकेंगे।
निष्कर्ष :-
राजस्थान सरकार द्वारा रीट परीक्षा में किए गए इस नए बदलाव से बीएड और डीएलएड के विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिलेगी। अब वे अपनी डिग्री के पहले साल से ही रीट परीक्षा में बैठने के योग्य होंगे, जिससे उन्हें भविष्य में भर्ती की प्रक्रिया में कोई देरी नहीं होगी। यह बदलाव उन विद्यार्थियों के लिए एक शानदार अवसर है जो अध्यापक बनने की इच्छा रखते हैं और इसे लेकर गंभीर हैं

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