RSSB (राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड) ने भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया, डिग्री और मार्कशीट की जानकारी अब आवेदन के समय देनी होगी 2025 :-

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) ने अब भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब अभ्यर्थियों को आवेदन करते समय ही अपनी डिग्री, मार्कशीट और अन्य प्रमाण पत्रों की जानकारी देनी होगी। आवेदन के बाद अभ्यर्थियों को इन्हें अपलोड करने का मौका नहीं मिलेगा। यदि आवेदन के समय डिग्री और मार्कशीट की जानकारी नहीं दी जाती, तो उस अभ्यर्थी को भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा।

इस कदम का उद्देश्य फर्जी डिग्रियों के मामलों को रोकना है, जो पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़े हैं। पहले कई अभ्यर्थी डिग्री के बिना भी गलत जानकारी देकर आवेदन करते थे और बाद में दस्तावेज सत्यापन के समय सुधार का मौका मिलने पर फर्जी डिग्रियां पेश कर देते थे।

RSSB (राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड) ने भर्ती प्रक्रिया में बदलाव किया, डिग्री और मार्कशीट की जानकारी अब आवेदन के समय देनी होगी 2025
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फर्जी डिग्रियों पर रोक लगाने की कोशिश :-

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की भर्ती परीक्षाओं में अब तक आधा दर्जन से अधिक भर्तियों में फर्जी डिग्रियों का मामला सामने आ चुका है। सबसे अधिक फर्जीवाड़ा पीटीआइ भर्ती परीक्षा में देखा गया, जहां हजारों अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास करने के बाद बोर्ड को फर्जी डिग्रियां सौंप दीं। इसके अलावा, फायरमैन, पुस्तकालय और अन्य भर्तियों में भी यही पैटर्न देखा गया है। ऐसे में अब बोर्ड ने नियमों में बदलाव करते हुए आवेदन के समय ही सभी डिग्री और प्रमाण पत्र अपलोड करने की व्यवस्था की है।

दिव्यांग प्रमाण पत्रों में भी सख्ती :-

बोर्ड ने दिव्यांग श्रेणी के छात्रों के लिए भी नियमों में बदलाव किया है। अब अगर कोई दिव्यांग श्रेणी में आवेदन करता है और बाद में उसे अपात्र माना जाता है, तो वह अन्य श्रेणी में शामिल नहीं हो सकेगा। हाल ही में हुई जांच में कई दिव्यांग प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए, जिनमें से कई प्रमाण पत्र सीएमएचओ द्वारा जारी किए गए थे, लेकिन वास्तविकता में अभ्यर्थी 15% दिव्यांग ही थे। ऐसे मामलों में बोर्ड ने स्वास्थ्य विभाग से जांच की मांग की है।

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन आलोक राज के शब्द :-

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन आलोक राज ने कहा, “अब आवेदन के समय ही अभ्यर्थियों को डिग्री और प्रमाण पत्रों की जानकारी देनी होगी, ताकि फर्जीवाड़ा करने का मौका न मिले। यह कदम भर्ती प्रक्रिया को और पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए उठाया गया है।”

इस बदलाव से न केवल भर्ती प्रक्रिया में सुधार होगा, बल्कि फर्जी प्रमाण पत्रों पर भी प्रभावी नियंत्रण संभव होगा, जिससे योग्य अभ्यर्थियों को उचित अवसर मिल सके।

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