Special Educators ने लखनऊ में किया विरोध प्रदर्शन, 19 सालों से वेतन बढ़ाने की मांग :-

लखनऊ में शनिवार को विशेष शिक्षकों ने अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। ये शिक्षक पिछले 19 वर्षों से अपनी वेतन वृद्धि और अन्य सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं हो रही है। विरोध प्रदर्शन में प्रदेशभर से आए विशेष शिक्षकों ने लखनऊ के हजरतगंज में बीएन सिंह की प्रतिमा के पास धरना दिया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित एक ज्ञापन पुलिस अधिकारियों को सौंपा।

मुख्य मांगें :-

उत्तर प्रदेश विशेष शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में इस धरने का आयोजन किया गया था। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अनुज शुक्ला ने कहा कि उनकी प्रमुख मांग यह है कि सभी विशेष शिक्षकों को पूरी तरह से विनियमित किया जाए, ताकि उन्हें पूरा वेतन और सरकारी लाभ मिल सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक विनियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक विशेष शिक्षकों के वेतनमान को रिजवी समिति की संस्तुति के अनुसार मंजूर किया जाए, जैसे बचपन डे केयर सेंटर के शिक्षकों का किया गया है।

इसके अलावा, उनके द्वारा उठाई गई अन्य प्रमुख मांगों में शामिल हैं:

  1. विशेष शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष की जाए।
  2. चिकित्सकीय अवकाश, समर्थ एवं प्रेरणा एप पर काम करने के लिए मोबाइल और रिचार्ज की सुविधा दी जाए।
  3. आउटसोर्सिंग से शिक्षकों की नियुक्ति बंद की जाए।
  4. यात्रा भत्ता वास्तविक व्यय के अनुसार दिया जाए।
  5. भविष्य निधि (Provident Fund) की कटौती और अन्य सुविधाओं की उचित व्यवस्था की जाए।

Special Educators
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धरने में शामिल लोग :-

धरने में सैकड़ों विशेष शिक्षक शामिल हुए। इसके अलावा, पीसीएस संघ के पूर्व अध्यक्ष बाब हरदेव सिंह, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव, और डिप्लोमा इंजीनियर संघ के प्रदेश अध्यक्ष इं. एनडी द्विवेदी समेत कई अन्य प्रमुख कर्मचारी नेता भी उपस्थित थे।

19 सालों से चली आ रही उपेक्षा :-

अनुज शुक्ला ने कहा कि पिछले 19 वर्षों से विशेष शिक्षक लगातार अपनी समस्याओं को सरकार के सामने रख रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक अपने अधिकारों के लिए खड़े हैं और अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो वे आगे भी इस तरह के आंदोलनों को जारी रखेंगे।

विशेष शिक्षकों का यह आंदोलन सरकार से न्याय की मांग कर रहा है, ताकि उन्हें उनका पूरा हक मिल सके।

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