Special Educators भर्ती की उम्मीद में हजारों युवा 2024 :-
15 दिसंबर को राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार का एक साल पूरा होने जा रहा है। इस अवसर पर राज्य सरकार 12 से 17 दिसंबर तक कई कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। इन कार्यक्रमों के बीच सरकार ने विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया है। खास बात यह है कि जिन भर्तियों के लिए वित्तीय स्वीकृति पहले ही मिल चुकी है, उनके लिए भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।सरकार का यह भी कहना है कि संबंधित विभाग भर्ती एजेंसी को अविलंब अर्थना भेजे, ताकि 12 दिसंबर 2024 को भर्ती का विज्ञापन जारी किया जा सके। अगर किसी भर्ती की वित्तीय स्वीकृति प्रक्रिया में है, तो भी विभागों को भर्ती एजेंसी को प्रारंभिक दस्तावेज़ अनौपचारिक रूप से भेजने होंगे, ताकि जैसे ही वित्तीय स्वीकृति मिले, भर्ती प्रक्रिया को गति दी जा सके। इस आदेश के बाद, विशेष शिक्षा में तीनों ग्रेड के पदों के लिए तैयारी कर रहे हजारों युवाओं में उम्मीद जगी है कि सरकार अपने कार्यकाल के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष शिक्षा के विभिन्न ग्रेड्स में भर्ती की घोषणा कर सकती है।

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Special Educators भर्ती के लिए बढ़ी उम्मीदें :-
राजस्थान में विशेष शिक्षा के शिक्षक पदों की कमी को लेकर लंबे समय से युवाओं की आवाज उठ रही थी। खासकर विशेष शिक्षा के तीनों ग्रेड्स (द्वितीय श्रेणी, तृतीय श्रेणी और स्कूल व्याख्याता) में रिक्त पदों को भरने की मांग जोर पकड़ रही थी। इन पदों के लिए भर्ती की प्रक्रिया अब तक लंबित थी, लेकिन सरकार के हालिया आदेश ने युवाओं में आशा की किरण जगाई है।राजस्थान में विशेष शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले कई कार्यकर्ता और समाजसेवी लंबे समय से इस मुद्दे को उठा रहे थे। राकेश लिम्बा, जो विशेष शिक्षक भर्ती के लिए लगातार आवाज उठा रहे हैं, का मानना है कि राज्य सरकार को दिव्यांग बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए, एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष शिक्षा में द्वितीय श्रेणी विशेष शिक्षक के 2000 पद, तृतीय श्रेणी विशेष शिक्षक के 10,000 पद और स्कूल व्याख्याता विशेष शिक्षा के 1000 पदों पर भर्ती की घोषणा करनी चाहिए।
समावेशी शिक्षा की आवश्यकता :-
समावेशी शिक्षा का उद्देश्य है कि दिव्यांग बच्चे सामान्य बच्चों के साथ एक ही कक्षा में शिक्षा प्राप्त करें। समावेशी शिक्षा से न केवल दिव्यांग बच्चों के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, बल्कि यह उन्हें समाज में समान अवसर देता है। यदि राज्य सरकार विशेष शिक्षा के इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू करती है, तो दिव्यांग बच्चों को कक्षा 1 से 12 तक विशेष शिक्षकों की मदद मिलेगी, जिससे उनकी शिक्षा का स्तर बेहतर होगा।विशेष शिक्षा में कार्यरत शिक्षक न केवल बच्चों को पाठ्यक्रम पढ़ाते हैं, बल्कि दिव्यांग बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में भी अहम भूमिका निभाते हैं। ऐसे शिक्षक दिव्यांग बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बहुत जरूरी होते हैं।
शिक्षा क्षेत्र में बदलाव की आवश्यकता :-
राजस्थान में शिक्षा क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए यह समय उपयुक्त है, क्योंकि राज्य सरकार ने वित्तीय स्वीकृति प्राप्त भर्तियों को प्राथमिकता दी है। यदि राज्य सरकार विशेष शिक्षा में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू करती है, तो इससे न केवल दिव्यांग बच्चों के लिए, बल्कि समग्र शिक्षा क्षेत्र के लिए भी सुधार होगा।राज्य के युवा इस भर्ती प्रक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। उनका मानना है कि इससे उनकी मेहनत को सही दिशा मिलेगी और सरकार द्वारा दी गई यह सौगात उनके भविष्य को उज्जवल बनाएगी। विशेष शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे युवाओं के लिए यह भर्ती एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।
निष्कर्ष :-
राजस्थान में विशेष शिक्षक भर्ती का मुद्दा अब युवाओं के लिए एक बड़ी उम्मीद बन चुका है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में यदि इन भर्तियों की घोषणा होती है, तो यह दिव्यांग बच्चों के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा और समावेशी शिक्षा की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित होगा। अब देखना यह है कि सरकार अपने वादे को जल्द से जल्द लागू करती है या नहीं, ताकि युवाओं को एक बेहतर भविष्य मिल सके

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