Special Educators व्याख्याता भर्ती में लापरवाही, राज्य आयुक्त विशेष योग्यजन में सुनवाई 2024 :-

दिव्यांग विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए सरकार द्वारा घोषित योजनाओं के बावजूद, शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण उन्हें राहत नहीं मिल रही है। शुक्रवार को राज्य आयुक्त विशेष योग्यजन न्यायालय में विशेष शिक्षा व्याख्याता भर्ती से जुड़े मामले की सुनवाई हुई। इसमें शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए।

Special Educators
.

प्रमुख मुद्दे :

भर्ती प्रक्रिया में देरी :

  • पिछले एक साल में दिव्यांग विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए सरकारी स्कूलों में व्याख्याता पद सृजित करने की घोषणाएं हुईं।
  • लेकिन अभी तक इन पदों के लिए वित्तीय स्वीकृति नहीं दी गई है।

सरकार की घोषणाओं का क्रियान्वयन नहीं :

  • हाल ही में प्रथम श्रेणी व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापक की भर्तियों की विज्ञप्तियां जारी की गईं।
  • लेकिन विशेष शिक्षा व्याख्याता के लिए अब तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गई।

दिव्यांग विद्यार्थियों पर असर :

  • सरकारी स्कूलों में दिव्यांग विद्यार्थियों को मजबूरी में सामान्य शिक्षकों से पढ़ाई करनी पड़ रही है, जो उनकी जरूरतों के अनुरूप नहीं है।

    न्यायालय में साक्ष्य और आरोप :

    • विशेष शिक्षकों के प्रतिनिधियों विपिन प्रकाश शर्मा, पवन शर्मा, और दीपक चतुर्वेदी ने विभाग की उदासीनता को उजागर किया।
    • न्यायालय में ढाई सौ पन्नों के साक्ष्य पेश किए गए, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के उल्लंघन और विभागीय लापरवाही के उदाहरण शामिल थे।
    • आरोप लगाया गया कि विभाग दिव्यांग विद्यार्थियों के अधिकारों और उनकी विशेष जरूरतों की अनदेखी कर रहा है।

    न्यायालय का आदेश :

    राज्य आयुक्त विशेष योग्यजन ने शिक्षा विभाग, बीकानेर के निदेशक को सात दिन में अब तक की गई कार्रवाई के साक्ष्य प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

    समस्या के पीछे प्रमुख कारण :

    • दिव्यांग विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए व्याख्याताओं की भर्ती की प्रक्रिया में वित्तीय स्वीकृति का अभाव।
    • सरकार और शिक्षा विभाग के बीच समन्वय की कमी।
    • दिव्यांगों के प्रति शिक्षा विभाग की लापरवाह कार्यशैली

    प्रभाव :

    • दिव्यांग विद्यार्थियों की शिक्षा बाधित हो रही है।
    • उन्हें उनकी जरूरत के अनुसार विशेष शिक्षक नहीं मिल रहे।
    • सरकारी योजनाओं का लाभ जमीनी स्तर तक नहीं पहुंच पा रहा।

    क्या हो सकता है समाधान ?

    1. तत्काल वित्तीय स्वीकृति:
      विशेष शिक्षा व्याख्याता पदों के लिए जल्द वित्तीय स्वीकृति दी जाए।
    2. स्पष्ट दिशा-निर्देश:
      विशेष शिक्षा भर्ती प्रक्रिया को प्राथमिकता देकर स्पष्ट समयसीमा तय की जाए।
    3. दिव्यांग विद्यार्थियों का ध्यान:
      दिव्यांग विद्यार्थियों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी और समय पर कार्रवाई की जाए।

    यह मामला शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। यदि समय पर कार्रवाई नहीं की गई, तो दिव्यांग विद्यार्थियों का भविष्य प्रभावित हो सकता है।

    Join Us On Telegram Join Us On What'sapp

    Leave a Comment