UDID Card, दिव्यांग प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा, सरकारी भर्तियों में धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई :-
राजस्थान में सरकारी भर्तियों में एक गंभीर समस्या सामने आ रही है, जिसमें फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों का खेल चल रहा है। यह खेल न केवल दिव्यांगता से संबंधित प्रमाण पत्रों तक सीमित है, बल्कि आरक्षित सीटों के लिए फर्जी प्रमाण पत्र लगाने के मामलों का भी खुलासा हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में हुई कई भर्तियों में ऐसे सैकड़ों अभ्यर्थी सामने आए हैं, जिन्होंने मिलीभगत से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाए और सरकारी नौकरियों में प्रवेश किया।
फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों का खुलासा :-
कर्मचारी चयन बोर्ड और संबंधित विभागों ने यह पाया कि कई भर्तियों में अभ्यर्थियों ने चिकित्सा अधिकारियों से मिलीभगत कर 40% से अधिक दिव्यांगता का प्रमाण पत्र बनवाया। इनमें से कुछ प्रमुख भर्तियों में फर्जी प्रमाण पत्र पकड़े गए हैं, जैसे एलएसए भर्ती में 54, शिक्षक भर्ती लेवल-2 में 109, लेवल-1 में 113, जूनियर अकाउंटेंट में 48, और कृषि पर्यवेक्षक में 12 मामले शामिल हैं।
सख्त कदम उठाने की तैयारी :-
आगामी एक लाख भर्तियों में इस प्रकार के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड ने कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है। इस बार, फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले व्यक्तियों और चिकित्सा अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी, जिनकी मिलीभगत से ये प्रमाण पत्र तैयार किए गए थे। इसके तहत विशेष जांच एजेंसी, एसआईटी, इन मामलों की जांच करेगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डबल वेरिफिकेशन और मेडिकल जांच :-
वृद्धि की जा रही फर्जी प्रमाण पत्रों की संख्या को देखते हुए, बोर्ड और संबंधित विभागों ने डबल वेरिफिकेशन की प्रक्रिया लागू करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, दिव्यांग श्रेणी में चयनित अभ्यर्थियों के लिए आरएएस भर्ती की तर्ज पर मेडिकल बोर्ड से जांच कराने की भी सिफारिश की जा रही है। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल वास्तविक दिव्यांग अभ्यर्थियों को ही भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा मिले।
फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त कार्रवाई :-
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के सचिव डॉ. भागचंद बधाल ने कहा कि फर्जी प्रमाण पत्रों के मामलों में एफआईआर दर्ज की जा सकती है और दोषियों को डिबार किया जा सकता है। इसके साथ ही, जिन अधिकारियों ने फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए हैं, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
आवश्यकता बदलाव की :-
पूर्व चेयरमैन हरिप्रसाद शर्मा और राजस्थान बेरोजगार यूनियन के अध्यक्ष हनुमान किसान ने भी इस फर्जीवाड़े के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत पर जोर दिया है। उनका कहना है कि फर्जी प्रमाण पत्रों के मामलों में नियमों में बदलाव की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार के मामलों को रोका जा सके।
इस समय सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं और भविष्य में ऐसे मामले सामने न आए, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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